जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, मेरी फसलें डूब गई....... जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, म...
सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान। सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान।
अजीज़ के सौंदर्य का वर्णन तरीफ कुछ लब्जो मे अजीज़ के सौंदर्य का वर्णन तरीफ कुछ लब्जो मे
जो मुझे अभी छोड़ना नहीं चाहते हैं। बार- बार मनोज कहकर पुकारते हैं। जो मुझे अभी छोड़ना नहीं चाहते हैं। बार- बार मनोज कहकर पुकारते हैं।
फागुन के रंग में रंग जाओ, इस बरस तुम आओ मेरे अँगना। फागुन के रंग में रंग जाओ, इस बरस तुम आओ मेरे अँगना।
जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना, जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना,